कविता

बेटी निकले तो..

बेटी निकलती है तो
कहते हो छोटे कपडे
पहन कर मत जाओ…
पर बेटे से नहीं कहते
हो कि नज़रों मैं गंदगी
मत लाओ…

बेटी से कहते हो कि
कभी घर कि इज्जत
ख़राब मत करना…
बेटे से क्यों नहीं कहते
कि किसी के घर कि
इज्जत से खिलवाड़ नहीं करना.

हर वक़्त रखते हो नज़र
बेटी के फ़ोन पर…
पर ये भी तो देखो बेटा
क्या करता है इंटरनेट पर.

किसी लड़के से बात करते देखकर
जो भाई हड़काता है…
वो ही भाई अपनी गर्लफ्रेंड के किस्से घर मैं हंस हंस कर सुनाता है .

बेटा घूमे गर्लफ्रेंड के साथ तो कहते हो अरे बेटा बड़ा हो गया .
बेटी अपने अगर दोस्त से भी
बातें करें तो कहते हो बेशर्म हो गयी…

“पहले शोषण घर से बंद करो
तब शिकायत करना समाज से”…..

हर बेटे से कहो कि
हर बेटी कि इज़ज़त करे
आज से..…।
उसे भी उतना ही प्यार करे
जितना करता है अपने परिवार से

अखिलेश पाण्डेय

नाम - अखिलेश पाण्डेय, मैं जिला गोपालगंज (बिहार) में स्थित एक छोटे से गांव मलपुरा का निवासी हु , मेरा जन्म (23/04/1993) पच्छिम बंगाल के नार्थ चोबीस परगना जिले के जगतदल में हुआ. मैंने अपनी पढाई वही से पूरी की. मोबाइल नंबर - 8468867248 ईमेल आईडी [email protected] [email protected] Website -http://pandeyjishyari.weebly.com/blog/1