कैसी है मेरी जान..?
जब से गयी है छोड़ के मुझको
ज़िंदगी में ना बची अब जान है
जाओ ये चाँद तुम पता लगाओ,
कैसी है मेरी जान……?
हर वक़्त साथ मेरे रहती थी वो तो,
एक पल की भी जुदाई ना सहती थी वो तो,
जाने कैसे देखे बिना मुझको रहती है अब खुशहाल वो,
जाओ ऐ चाँद तुम पता लगाओ,
कैसी है मेरी जान……?
मेरी तरह कहीं वो भी रोती होगी
आँसुओं से अपने काजल को धोती होगी,
दिल नहीं लगता होगा उसका किसी और के साथ
बुरा होगा उसका भी हाल, होगी वो भी बहुत परेशान,
जाओ ऐ चाँद तुम पता लगाओ,
कैसी है मेरी जान……?
जैसे चाँदनी बिना तुम हो अधूरे
वैसे ही बिना उनके हम भी अधूरे
पता लगाना तुम होगी उनकी कुछ मजबूरी,
तभी दूर है मुझसे मेरी जान….
जाओ ऐ चाँद तुम पता लगाओ,
कैसी है मेरी जान……?