तीर सीने के पार….
कोई पूछे तो दिखा दू दिल चिर के
चोट गहरे मिला है मुझे इश्क़ में
वो तो किसी और के संग डोली में सवार हो गयी,
तीर सिने के मेरे वो पार कर गयी,
प्यार की बाते कर-कर के वो मुझसे नजर मिलाई,
मैं तो बिलकुल नादान था वो मुझको प्यार करना सिखाई,
पता नहीं कौन सी कमी यार मेरे प्यार में हो गयी,
तीर सिने के मेरे वो पार कर गयी,
हो रही थी जब उनकी बिदाई मुझे ये बिस्वास ना आई
देखा जब खुद के दिल में वोे रह रही है वही अपना घर बनायीं
छोड़ के पिजडा जब वो मैना फरार हो गयी,
तीर सिने के मेरे वो पार कर गयी,
कोई तो मुझको बताये है ये कैसी मजबूरी,
कैसे जिन्दा रहु मैं रख के उनसे दुरी,
बना के दुशमन मेरा ये डोली और प्यार को चल गयी,
तीर सिने के मेरे वो पार कर गयी.