गीतिका/ग़ज़ल

बस दर्द नजर आएगा

नींद आँखों से चैन दिल से जब लुट जाएगा
उस वक़्त मेरे अल्फाज़ो में बस दर्द नजर आएगा,

दिल के दुनिया में जब कोई अपना घर बनाता है
दर्द होता है बहुत जब उसे तोड़ चला जाता है
उस वक़्त दिल पर क्या गुजरी ये कोई न बता पायेगा
नींद आँखों से चैन दिल से जब लुट जाएगा,

क्या कहूं मैं कितना दर्द देती हैं उसकी यादें
पल पल सताती हैं बहुत उसकी हर एक बातें
जब कोई छोड़ देता है आपको अपना बनाके
होके यूं तनहा अब ना मुझसे जिया जाएगा

नींद आँखों से चैन दिल से जब लुट जाएगा,
उस वक़्त मेरे अल्फाज़ों में बस दर्द नजर आएगा.

अखिलेश पाण्डेय

नाम - अखिलेश पाण्डेय, मैं जिला गोपालगंज (बिहार) में स्थित एक छोटे से गांव मलपुरा का निवासी हु , मेरा जन्म (23/04/1993) पच्छिम बंगाल के नार्थ चोबीस परगना जिले के जगतदल में हुआ. मैंने अपनी पढाई वही से पूरी की. मोबाइल नंबर - 8468867248 ईमेल आईडी [email protected] [email protected] Website -http://pandeyjishyari.weebly.com/blog/1

One thought on “बस दर्द नजर आएगा

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छी नज़्म

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