कवितासामाजिक

सरहद पर जो सैनिक तैनात है…

आज हम सभी अपने घरों में खुश और आजाद है,
खूब खा रहे है मिठाईया, जब हमारे अपने पास है,
बहने है रक्षा बंधन का त्यौहार मनाने के लिए हमारे पास,
पर कसी को कोई फिकर ही नहीं की हमारी खुशियो को लिए,
दूर सरहद पर कोई आज के दिन भी तैनात है..

किसी को खबर भी नहीं की कल लड़ते लड़ते हमारे तिन भाई शहीद हो गए,
हमारे खुशियो के लिए अपनी खुशिया कुर्बान कर गए,
अगर वो चार आतंकवादी हम तक आ जाते,
आप ही बताओ क्या हम आज रक्षा बंधन मना पाते,

कोई सोचा है उनके भी घर कोई छोटी या कोई बड़ीें बहने होंगी,
वो सब भी रक्षाबंधन के दिन अपने भाई की राह देख रही होंगी,
अब तक क्यु नहीं आया वो ये सोच रही होंगी,
क्या बितेगी उनके दिल पर सुन कर ये बात.
चला गया तुम्हे छोड़ कर तुम्हारे राखी का हक़दार.

इतना कुछ सहते है ये सैनिक फिर भी सरहद पर तैनात है,
आज भी उनकी कलाइयां राखी के बिना उदास है,
जो हमारी इतनी फिकर करते है , उनका हम कभी जिक्र भी नहीं करते,
सरहद पर जो सैनिक अपना सब कुछ छोड़ के तैनात है रहते..?

मेरे प्यारी बहनो आज के दिन आप एक काम करना,
एक राखी हमारे फौजी भाइयो के हाथो में जरूर बांधना,
उनकी कलाई ही असली उस राखी की हकदार है,
दूर सरहद पर जो सैनिक आज हमारे लिए तैनात है.

अखिलेश पाण्डेय

नाम - अखिलेश पाण्डेय, मैं जिला गोपालगंज (बिहार) में स्थित एक छोटे से गांव मलपुरा का निवासी हु , मेरा जन्म (23/04/1993) पच्छिम बंगाल के नार्थ चोबीस परगना जिले के जगतदल में हुआ. मैंने अपनी पढाई वही से पूरी की. मोबाइल नंबर - 8468867248 ईमेल आईडी [email protected] [email protected] Website -http://pandeyjishyari.weebly.com/blog/1

One thought on “सरहद पर जो सैनिक तैनात है…

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा !

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