सामाजिक

एक आखरी मौका..

कायर हो तुम और कायर कभी नहीं करते है झगड़ा,
एक आखरी मौका देते है आओ सुलझाएँ अपना रगड़ा,

तुम्हारे इस रोज़ रोज़ के नापाक हरकतों से,
कितने निर्दोष और लाचार लोगो की हो रही है हत्या,

तूमने ही भेजे है भारत में कसाब नावेद और सबीर जैसे कीड़े मकौड़ेे,
छिपाने से अब छिप नहीं सकता चाहे जितना जी करे डाल लो इनपे सफ़ेद कपड़े,

हम भारतवासी अहिंसा वादी पहले प्यार की भाषा समझते है,
अगर फिर भी नहीं माने तो कहो गोलियों की भाषा समझाते है ,

संभल जाओ नहीं तो अबकी जो हथियार उठी तो अंजाम बुरा होगा,

काश्मीर तो रहेगा भारत में पर बिश्व के नक्शे में पकिस्तान का नामो निशान नहीं देखेगा.

अखिलेश पाण्डेय

नाम - अखिलेश पाण्डेय, मैं जिला गोपालगंज (बिहार) में स्थित एक छोटे से गांव मलपुरा का निवासी हु , मेरा जन्म (23/04/1993) पच्छिम बंगाल के नार्थ चोबीस परगना जिले के जगतदल में हुआ. मैंने अपनी पढाई वही से पूरी की. मोबाइल नंबर - 8468867248 ईमेल आईडी [email protected] [email protected] Website -http://pandeyjishyari.weebly.com/blog/1

2 thoughts on “एक आखरी मौका..

  • विजय कुमार सिंघल

    आपका कहना गलत है। गांधी ने इस देश की जनता के खून में अहिंसा की घुट्टी कुछ इस तरह मिला दी है कि हर हिंसा के जबाब में हम अहिंसा का ही जाप करते रहते हैं।

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सत्य सुंदर रचना

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