कविता

आओ पर्यावरण बचायें

..आओ पर्यावरण बचायें , धरती माँ का क़र्ज़ चुकायें..

..धरती है माता,प्रकृति है माता,गंगा मईया व् समस्त नदियाँ , वोह भी हैं अपनी मातायें, गौ माता , निज जननी .
और
आदि शक्ति करे अपने विभिन्न रूपों में संचालित समस्त सृष्टि , नारी के इन दिव्य व् विस्तृत रूपों में ,
इनके दया ,प्रेम ,करुणा , सहनशक्ति ,सहजता , और निस्वार्थ सेवा जैसे अलौकिक गुणों में, जब समाहित है सम्पूर्ण विश्व…

..आज हर जगह “विकास” के कार्यों के लिए जिस चीज को सबसे ज्यादा “बलि” देनी पड़ रही है वह हैं “पेड़”..

..तुम्हारे निरीह अंश प्रकृति व् जिव-जंतु समस्त..
..समूल नष्ट कर मनुष्य रूपी दानव होरहे मस्त..

नम्र निवेदन ….
..हम सभी अपने जन्मदिन, विवाह की वर्षगाँठ या अन्य किसी यादगार मौके पर “पौधारोपण” करें एवं अन्य लोगों को भी इसका महत्व समझाएँ तथा “उपहार” में भी “पौधे” ही दें.. क्योंकि ..किसी एक के कुछ करने से परिवर्तन नहीं आसकता अरबो लोगो के करने से परिवर्तन निश्चित ही होगा ….ऐसा मेरा मानना है..

राज मालपाणी ’राज’

नाम : राज मालपाणी जन्म : २५ / ०५ / १९७३ वृत्ति : व्यवसाय (टेक्स्टायल) मूल निवास : जोधपुर (राजस्थान) वर्तमान निवास : मालपाणी हाउस जैलाल स्ट्रीट,५-१-७३,शोरापुर-५८५२२४ यादगिरी ज़िल्हा ( कर्नाटक ) रूचि : पढ़ना, लिखना, गाने सुनना ईमेल : [email protected] मोबाइल : 8792 143 143

One thought on “आओ पर्यावरण बचायें

  • विजय कुमार सिंघल

    बढिया।

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