कविता

शीर्षक मुक्तक, उजाला/प्रकाश/रोशनी ..

आज उजाले भी रास नहीं आते
गुम जिंदगी उल्लास नहीं भाते
ढूढती बहूत गहरे उतर खुद को
हाथ लगते पर पकड़े नहीं जाते ||

महातम मिश्र

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ