सामाजिक

हिंदी का प्रयोग शुरू करें

ॐ विश्व हिन्दी दिवस व हिन्दी पखवाड़ा के अवसर पर यह पोस्ट सभी के टाईमलाईन पर होना चाहीए !

यदि भारत सरकार आर्यभाषा (हिन्दी) को राष्ट्रभाषा घोषित कर दे, कुछ ऐसा नजारा होगा, जो प्रसिद्ध अंग्रेजी शब्द , जिनका अर्थ हमे नही मालूम पर प्रयोग करते हैं उनका पर्दाफाश हो जायेगा जैसे:–‪

#‎पोर्न‬स्टार सनी लियोन –>सबसे बड़ी वेश्या( रंडी) सनी लियोन| {क्योकी देह व्यापार करने वाली को हिन्दी मे तो यही कहा जा सकता है|}‪

#‎कॉन्वेन्ट‬ स्कुल –> अनाथालय कहा जायेगा, क्योंकि कॉन्वेन्ट का अर्थ भी यही है और इनके बनाने का उद्देश्य भी यही था |

‪#‎हॉरलिक्स‬–> जौ और गेहूँ के सत्तू का मिश्रण

‪#‎सर‬(sir) –> गुलामो का सरदार

‪#‎मैडम‬(madame) –> मेरी पत्नि‪

#‎मम्मी‬–> प्रचीन सुरक्षित शव

‪#‎डैड‬( dead) –> मरा हुआ‪

#‎हीरो‬( Hero ) –> जो अपने प्राण जोखिम में डाल दूसरों की रक्षा करे जैसे सेना के जवान, पुलिस, बहादुर व्यक्ति न कि कमर मटकाऊ सलमान, अमिताभ, शाहरूख | इन्हें तो नौटंकी वाले कहा जायेगा क्योंकि गाँव में हजार रूपये में नौटंकी होती है और केवल एक या दो गाँव देखता है। इनकी पूँजी ज्यादा है और ये करोड़ों में नौटकी करते हैं तो हम टीवी पर देखते है लेकिन ये हीरो नहीं अभिनेता या नौटंकीवाले हैं Hero तो कदापि नहीं।

#‎और‬ महत्वपूर्ण तब जब लगभग सभी विदेशी उत्पाद जिन पर ई (E) कोड लिखा होता है जिनका अर्थ हम नही समझते और शाकाहार के नाम पर मॉसाहार खाते है वे कुछ ऐसा लिखेगी E कोड की जगह गाय की चर्बी का तेल सूअर की चर्बी का तेल बछड़े के माँस का रस हानिकारक रासायनिक तत्व ये नूडल्स, मैगी, चॉकलेट जैसी विदेशी उत्पाद पर लिखा होगा।

#‎हेल्थ‬टॉनिक, हॉरलिक्स, माल्टो, कॉम्पलान जैसे उत्पादो पर लिखा होता है malted wheat grain की जगह लिखा होगा जौ का सत्तू गेहूँ के साथ मिला हुआ |‪

#‎कोक‬पेप्सी की बोतल पर लिखा होता है carbonated water | अगर यहाँ हिन्दी का प्रयोग हो तो लिखेगे कार्बन डाई आक्साइड मिला हुआ जल और हानिकारक रासायनिक तत्व |‪

#‎क्रेडिट कार्ड की जगह उधारी पत्र |

मतलब हिन्दी का प्रयोग करते ही सभी का पर्दाफाश अपने आप हो जायेगा , किसी के खिलाफ कुछ बोलने की जरूरत नहीं है। अतः आप सभी भी आज से हिन्दी का प्रयोग शुरू करें।

इसलिए महर्षि दयानन्द जी ने कहा ..केवल आर्य भाषा ( हिन्दी ) ही इस राष्ट्र को एकसूत्र मे पिरो सकती है और हिन्दी में ही भारत का कल्याण छिपा है |अब तो भाषा की मानसिक गुलामी से बाहर निकलो या ऐसे ही अंग्रेजों के पीछे पीछे चलते रहोगे | भारत के युवाओ !अपनी सोच बदलो, विदेशियों के बहकावे में न आओ।