कविता

सबक सिखाना जरुरी है

इक आग सी अब सारे
दिलों में जलाना जरुरी है
इन पाकिस्तानियों को
सबक सिखाना जरुरी है

दे दी बहुत छूट इन्हें
प्यार से बहुत समझा लिया
प्यार भरी बातों से
बहुत इनको पुचकार लिया
रोक बातो के सिलसिलों को
अब इनकी जूतम पैजर करना जरुरी है
इन पाकिस्तानियो को अब
सबक सिखाना जरुरी है

बहुत पाल लिया इन सांपो को
बहुत इनको अब झेल लिया
बजा प्रेम की बीन को
बहुत इनसे अब खेल लिया
आस्तीन में छुपे इन नागो के
दांत तोड़ ज़हर निकालना जरुरी है
इन पाकिस्तानियो को अब
सबक सिखाना जरुरी है

दिखानी पड़ेगी इनको
अब अपनी साख
कौन है बेटा और कौन है बाप
गोद से उतार अब इनको इनकी
औकात दिखाना जरुरी है
इन पाकिस्तानियो को अब
सबक सिखाना जरुरी है

ऐसे लुच्चे है ये जो
खुद अपने बच्चे मारते हैं
भेज कर अपने सपोले
यहाँ दंगा करवाते हैं
अब इनके सपोलो को
पालने के बजाय
देखते ही उडा देना जरुरी है
इन पाकिस्तानियो को अब
सबक सिखाना जरुरी है

*प्रिया वच्छानी

नाम - प्रिया वच्छानी पता - उल्हासनगर , मुंबई सम्प्रति - स्वतंत्र लेखन प्रकाशित पुस्तकें - अपनी-अपनी धरती , अपना-अपना आसमान , अपने-अपने सपने E mail - [email protected]

One thought on “सबक सिखाना जरुरी है

  • बिलकुल सही बात है .

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