मन मेरे
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मन मेरे
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मन मेरे ओ चंचल पंछी
मुझे ऊपर ले चल
मुझे भी दुनिया देखनी है
जरा तू भी उड़ान भर
बाधाओं को देखकर
तुम होना न विह्वल
मुसिबतों बधाओं को
देना तू कूचल
उड़ने की चाहत न टूटे
ये दिल तो है पागल
हौसले की उड़ान में
गति देना तुम पल पल
हर काम मुमकिन कर देंगे
जब तू दे मुझको बल
तेरा साथ तो मन मेरे
हम जरुर होंगे सफल
– दीपिका कुमारी दीप्ति
सुंदर इच्छा