बाल कवितायेँ-2
तितली
तितली रानी तितली रानी
बगिया की तुम हो महरानी।
रंग बिरंगे पंख तुम्हारे
देख उन्हें होती हैरानी।
पवन संग उडती फिरती हो
फूल फूल का रस पीती हो।
अगर पकड़ना चाहे तुमको
झट से नभ में जा छिपती हो
छोटी हो पर बडी सयानी ।
ईश्वर की तुम सुंदर रचना
अपने पंख बचा कर रखना
भंवरा काला गुन गुन करता
तुम को तो चुप रह कर उड़ना
देख तुम्हें सब खुश हो जाते
जैसे हो बारिश का पानी।
चंदा मामा
सूरज ने सामान समेटा
तब चंदा मामा मुस्काए ।
चटक चांदनी छिटक गई
फौज सितारों की संग लाए।
विटामिन
सेहत अच्छी होगा तो
अच्छा होगा मन।
हरी साग ताजे फल लो
दूध का करना सेवन।
विटामिन ताकत देगा खूब
स्वस्थ्य बनेगा तुम्हारा जीवन।
अच्छी बाल कविताएँ
बहुत बहुत धन्यवाद
वाह लाजवाब सृजन
बहुत बहुत धन्यवाद