कविता

मानव जीवन

मानव जीवन अनमोल है ,
इस जहां मे
एक एक पग सम्भलकर
चलना होता है ,
इस जहां में
हर पल हर क्षण
इम्तहान होती है
सबको पास करना है,
इस जहां में
कहीं फूल मिलेंगें
कहीं कॉटें मिलेंगे
सबको पार करना होगा ,
इस जहां में
कभी खुशी मिलेंगे
कभी गम भी मिलेंगे
हँसकर झेलना होगा ,
इस जहां में
पत्थर से टकराना होगा
तुफानो से लडना होगा,
इस जहां में
उडान पंखो से ही नही
हौसला से भी होती है ,
इस जहां में
कोई दु:ख देगा
कोई दर्द देगा
सबको सहना होगा ,
इस जहां में
निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४