आ चलें दूर गगन
आ चलें दूर गगन
हो करके मगन
चाँद की चाल चले
प्यार की शरारत करें
तारों का श्रृंगार करें
आसमां से बात करें
चाँदनी का पंखा झले
कुछ कुछ कर टलें
होठों की मुसकां सजे
चाँदनी रात में मिले
पिया के साथ मिलें
दिल की बात करें
अजीब सी मुसकां भरे
चाँद तक उड चले
बडी ऊँची चढाई है
प्रेम की राह जटिल है
मैं सुधी बाबरी हूँ
तुझकों प्यार कर चली
अंग अंग समा चली
तेरी बतियों मे रंग चली
सारे पगलाये बौराए है
प्यार में मात खाए है
मात मैने भी खायी है
वो कविता में आई है
स्पन्दन कविता में है
मगर दिल तो तेरा है
तूने जोंआग जलाई है
कविता में उतर आई है
पढ तुम दुखी मत होना
हाल ए दिल न जान लेना
मैं प्रेमी प्यासा युग युग
मधु प्याला पिला देना