गजल
सफर में हर पल साथ है मेरां चाँद
हर कदम पे संग संग है मेरा चाँद
चाँद से ही गुलजार जहाँ की चाँदनी
थामे हुए मेरां हाथ पल को है हेरा चाँद
प्यार में ऐसे तेरे गमगीन हूँ मैं अब क्यों
रात में चुम्बन कर मुझको है टेरा चाँद
निवेदन है कितना प्यार भरा तेरे लिए
सुनकर मेरा हाल अब क्यूँ है तेरा चाँद
रात मिलन की करती है अब आलिंगन
मधु का मधु पान करने को है खेला चाँद