~जुड़ाव ~
“जय हिन्द ‘सर’|”
“‘जय हिन्द’ आज गणपति विसर्जन और जुमे की नमाज़ दोनों ही है, और वो इलाका इतना सेंसटिव है फिर भी सड़क पर नमाज अता करने की क्यों इजाज़त दे दी गयी ?” एसएसपी साहब गुस्से में इंस्पेक्टर से बोले
“जी ‘सर’ वो भीड़ ज्यादा हो गयी थी अतः डीएम साहबsss !!” इंस्पेक्टर साहब की आवाज हलक से सही से निकल नहीं पा रही थी अधिकारी के गुस्से के सामने |
“जुलुस को ही थोड़ी देर रोक लेते, नमाज अता होने तक कम से कम | हल्की चिंगारी भी उठी तो आग की तरह फ़ैल जायेगी | फिर भी तुम सब ने सख्ती नहीं दिखाई | कुछ हुआ तो डीएम साहब तो जायेंगे ही साथ में हम सब को भी डूबा के जायेंगे |”
” चिंता की बात नहीं हैं ‘सर’ !”
“क्यों ? इतना यकीं कैसे हैं | जब तुन्हें मालूम हैं कि हर छोटी बात पर उस क्षेत्र में दंगा हो जाता हैं ??”
“सर, क्योंकि क्षेत्राधिकारी ‘मंजू खान सर’ नमाजियों के साथ और एसपी कबीर वर्मा साहब जुलुस के साथ हैं | और जुलुस और नमाजी में कोई नेता दिखाई नहीं पड़ा |” इंस्पेक्टर साहब बोले
“ओह, अच्छा! तब तो कोई चिंता की बात नहीं हैं | किसी नेता का वहां न होना ही तुम्हारें यकीं को पुख्ता करता हैं | फिर भी अलर्ट रहना !”एसएसपी साहब निश्चिन्त होकर बोले |