कविता

“वर्ण पिरामिड”

1.
माँ
मैनें
माखन
नत खायो
पछतायो तो
बहियन छोटो
सीको हाथ न आयो
2.
तूं
मैया
भोरी हो
पतियायो
इनकी बाते
बाछा पिए दूध
मोही लपटायो हो
3.
ना
बोलू
तोसो मैं
माँ तूं मोरी
पराई लागो
इनकी खातिर
मोसो डांट पिलायो
4.
लो
जाँउ
ना अब
गैया संग
ना राखू यारी
ग्वाल सखा संग
चोरूं माखन भारी
5.

लल्ला
खायों ना
तूं माखन
ना माँ ना खायों
मैंने ही माखन
मैंने ही तो चुरायों

महातम मिश्र

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ