गीत : लेकिन साथ निभाऊँगी
??लावणी छंद पर आधारित गीत ??
चिंता मत करना प्रियतम तुम,
दूर कभी ना जाऊँगी!
पथ कितना भी पथरीला हो,
लेकिन साथ निभाऊँगी!
अपनी किस्मत से लड़कर ही
मैंने तुमको पाया है!
मेरी सभी दुआओं में बस,
नाम तुम्हारा आया है!
फिर तुमको अब छोड के प्रियतम,
कैसे मैं जा पाऊँगी!
पथ कितना भी पथरीला हो,
लेकिन साथ निभाऊँगी!
बेटी वाला फ़र्ज़ अधूरा,
पहले मुझे निभाना है!
रूठे माँत पिता से कहकर,
फिर तुमको अपनाना है!
सारे फ़र्ज़ निभाकर प्रियतम,
तुमको इक दिन पाऊँगी!
पथ कितना भी पथरीला हो,
लेकिन साथ निभाऊँगी!
नैनों को तेरी ही छवि से,
मैंने रोज सजाया है!
तुम से ही तो सजकर मेरा,
हर सपना मुस्काया है!
कैसे उन सपनों के प्रियतम,
यूँ टुकड़े कर पाऊँगी!
पथ कितना भी पथरीला हो,
लेकिन साथ निभाऊँगी!
जीवन मेरा अब तुम ही हो,
सच मैंने ये जान लिया!
भूल गई मैं आज खुदाई,
तुमको अपना मान लिया!
सरल नहीं है पथ यह प्रियतम,
फिर भी चलती जाऊँगी!
पथ कितना भी पथरीला हो,
लेकिन साथ निभाऊँगी!
गोपी बनकर चाहा तुमको,
मीरा बनकर पूजा है!
रुक्मणी बन पाना है प्रण,
और न कोई दूजा है!
कृष्ण भले बन जाना तुम,
मैं राधा ना बन पाऊँगी!
पथ कितना भी पथरीला हो,
लेकिन साथ निभाऊँगी!
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— प्रिया वच्छानी