सारे जहाँ से अच्छा है हमारा हिन्दुस्तान
असहिष्णु कहकर इसे मत करो बदनाम
देश की गौरव के लिए हम जान लूटा देंगे
सह नहीं सकेंगे भारत माता का अपमान
जय भारत माता !
-दीपिका
मैं दीपिका दीप्ति हूँ बैजनाथ यादव की नंदनी,
मध्य वर्ग में जन्मी हूँ माँ है विन्ध्यावाशनी,
पटना की निवासी हूँ पी.जी. की विधार्थी।
लेखनी को मैंने बनाया अपना साथी ।।
दीप जैसा जलकर तमस मिटाने का अरमान है,
ईमानदारी और खुद्दारी ही अपनी पहचान है,
चरित्र मेरी पूंजी है रचनाएँ मेरी थाती।
लेखनी को मैंने बनाया अपना साथी।।
दिल की बात स्याही में समेटती मेरी कलम,
शब्दों का श्रृंगार कर बनाती है दुल्हन,
तमन्ना है लेखनी मेरी पाये जग में ख्याति ।
लेखनी को मैंने बनाया अपना साथी ।।