पावन गंगा
पावन गंगा
ये हमारी माँ
भारत की शान है
सदियों से चली आ रही
सबकी गंदगी धोते
गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी तक
पर आज पावन गंगा
को
अपनी पाप धोते-धोते
इसे भी कर दिये गंदा
जिस गंगा की पानी में
वर्षों कीड़े न लगते
आज उसी गंगा की जल
पीने लायक न रह गया
पर गंगा पावन थी
आज भी ये पावन है
जरुरत है उस धारा की
जो सारी गंदगी मिटा दे
इस शुभ कार्य के लिए
मोदी जी चलाये अभियान
आओ हमसब भी इसमें
दें अपना अहम योगदान
– दीपिका कुमारी दीप्ति
सुंदर रचना