गीत/नवगीत

नवगीत : स्टाप दि एसिड अटैक़

अब रोक दो
ये सब छोड़ दो
बेरहम जंजीरो को
अब तुम तोड़ दो
एसिड क्या जलाएगा
कितने दाग लगाएगा
हमारे हौसलों के आगे
एसिड भी जल जाएगा
इसी बात पे मिलकर बोलो
स्टाप दि एसिड अटैक

ए लड़के तू सुन ले मेरी बात
मैं घूमूंगी फिरूगी
चाहें हो दिन या हो रात
मेरे पीछे क्यों पड़ा है
लिए हाथ में क्या खड़ा है
क्या एसिड है इसमें
तो सुन मैं नहीं डरती तुझसे
भाग जहाँ यहाँ से
और निकलले पतली गली से
इसी बात पे मिलकर बोलो
स्टाप दि एसिड अटैक

एसिड फेंकने वाले तू
कितने चेहरे लगाएगा
दूसरों के चेहरे जलाकर
अपना चेहरा कैसे बचाएगा
खुद को आईने में देखकर
एक दिन शरमाएगा
इसी बात पे मिलकर बोलो
स्टाप दि एसिड अटैक

One thought on “नवगीत : स्टाप दि एसिड अटैक़

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    तेज़ाब की सेल पर ही पबंदी लग जानी चाहिए . यही इस का सही इलाज है .

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