नज़र से
मिल गयी आज मेरी नजरे उनकी नजर से
जब जा रही थी वो अपनी गलियों में होके बेखबर से
हमने अपनी मोहबत का इज़हार ना किया बस इसी डर से
ऐसा ना हो कही गिर जाऊ मै उनकी नज़र से
मिल गयी आज मेरी नजरे उनकी नजर से
जब जा रही थी वो अपनी गलियों में होके बेखबर से
हमने अपनी मोहबत का इज़हार ना किया बस इसी डर से
ऐसा ना हो कही गिर जाऊ मै उनकी नज़र से