अतिक्रमण
असली अतिक्रमण छिपा हुआ
घर के कोने में बैठा हुआ
कोई न पहचान कर रहा
न ही कोई पुछताछ हो रहा
मौज मस्ती में ही
उसका जीवन कट रहा
क्योकि वे अमीर हैं
गरीब,अबला और असहाय लेगो को
घरों से निकाला जा रहा
उसकी बयान ,उसकी चित्कार
किसी की दिल को न छु न रहा
इन गरीबों का जीवन
सडको , गलीयों मे बीत रहा
यें कैसा कानुन है
घर वालों को घर और
बेघर वालों को बेघर कीया जा रहा|
निवेदिता चतुर्वेदी