कविता

कुछ पल बिताओ ना!

मेरे से दूर तुम
अब मत जाओ ना!
मेरे पास ही रहकर
कुछ दिन यु ही बिताओ ना!
भूल गइ क्या ?
वो कल के दिन
साथ-साथ बिता था वो पल
आज भी मेरे साथ रहकर
कुछ पल तुम बिताओ ना!
कुछ अपनी कहो
कुछ मेरी सुनो
दो दिलों को अब
तुम मिलाओ ना!
इतना प्यार मिला तुमसे
कहा न जायें जुवां से
फिर आज तुम
वही प्यार बरसाओ ना |
निवेदिता चतुर्वेदी

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४