बाल कहानी : नव वर्ष
आज रीना बहुत उदास थी । उसकी सभी सहेलियाँ न्यू ईयर पार्टी के लिए बाज़ार से नये कपड़े, जूते , हेयरबैंड , चूड़ियाँ आदि खरीद कर लाए थे । सब एक दूसरे को बता रहे थे कि न्यू ईयर पार्टी में वे कौन से कपड़े पहनने वाले हैं । लेकिन रीना के पास तो कोई नयी ड्रेस नहीं थी । वह सोचने लगी कि वह भी अपनी माँ से नये कपड़े लाने को कहेगी । सो शाम को जब माँ दफ़्तर से वापिस आई तो वह माँ को पीने का पानी का गिलास हाथ में दे कर बोली “माँ एक बात कहूँ ” माँ ने कहा ” “हाँ बोलो ” वह कहने लगी ” माँ मेरे सभी दोस्त न्यू ईयर पार्टी के लिए नये कपड़े जूते आदि ले कर आए हैं , मुझे भी नयी फ्रॉक चाहिए वह परियों वाली और गुलाबी रंग की और उसके मेचिंग का गुलाबी रंग का फूल वाला हेयर बैंड भी ।”
माँ उसकी बात ध्यान से सुन रही थी । माँ ने उसे अपने पास प्यार से बैठाया और कहा ” बेटा तुम्हारे पास हैं न नये कपड़े अभी तो दीवाली पर दिलाए थे मैं ने ” वह कहने लगी लेकिन माँ वह तो मैं ने दीवाली पर पहन लिए सब तो नये कपड़े पहनेंगे । माँ कहने लगी बेटा एक बार पहनने से क्या कपड़े पुराने हो जाते हैं ? यदि तुम उन्हें नहीं पहानोगी तो वे तो पड़े-पड़े छोटे हो जाएँगे । यह तो पैसों की बर्बादी हुई न । और फिर तुम्हारा जन्म दिन भी आने वाला है तब तो मैं तुम्हें नये कपड़े और उनका मेचिंग दिलाने ही वाली हूँ । तुम नव वर्ष की पार्टी में दीवाली वाला ड्रेस ही पहन लो ।”
माँ का जवाब सुन रीना बड़ी उदास हो गयी थी । रीना को उदास देख उसकी माँ को भी अच्छा नहीं लग रहा था , एक ही तो बेटी है यह उसकी , पर क्या करे रीना के पिता के न रहने पर छोटी सी नौकरी कर घर चला रही थी तो वह फ़िजूल खर्ची के लिए पैसे कहाँ से लाती । सो उसने रीना को समझाया ” रीना तुम तो इतनी अच्छी व समझदार लड़की हो नव वर्ष आगमन का मतलब यह तो नहीं होता कि हम सिर्फ़ नये कपड़े पहनें और पार्टी करें । नव वर्ष का मतलब होता है कि हम अपनी पुरानी आदतों को छोड़ किसी नये काम को करने का संकल्प करें । जैसे कि कभी-कभी तुम गृह कार्य नहीं करती और फिर अध्यापिका से डर कर झूठ बोलती हो या कोई बहाना बनाते हो । या फिर कभी दूसरे बच्चे का रबर, पेन्सिल, पेन आदि तुम्हें पसंद आए तो चोरी से अपने पास रख लेते हो । यह सब ग़लत आदतें होती हैं । नव वर्ष के आगमन पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम पुरानी आदतें छोड़ें देंगे और कुछ नया करेंगे ।”
अब रीना अपनी माँ की बात अच्छी तरह समझ गयी थी । न्यू ईयर पार्टी के दिन वह अपनी दीवाली वाली ड्रेस खुशी -खुशी पहन कर गयी और वहाँ जा कर अपने दोस्तों को बोली आओ आज हम नव वर्ष के आग्मन के संग संकल्प करें कि हम समय पर अपना काम करेंगे और अपनी अध्यापिका को न सताएँगे और झूठ भी न बोलेंगे । उसके सभी मित्र उसके साथ-साथ उसकी बात को दोहरा रहे थे और सभी के माता -पिता रीना की समझदारी की तारीफ़ कर रहे थे और उसकी नयी शुरुआत के लिए उसे बधाइयाँ दे रहे थे ।
रोचिका शर्मा, चेन्नई