गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

तुम इतना जो चिल्ला रहे हो
क्या डर है जिसको दबा रहे हो

हाथो में सबूत दिखाते थे सबको
अब क्यों ना उसको दिखा रहे हो

अभी तो पहली रेड पड़ी है
तुम अभी से क्यों घबरा रहे हो

कितने भ्रष्ट अफसर है तेरे
पर तुम उन्हें भी बचा रहे हो

जबाब नहीं देते हो सीधे
आरोप सब पर लगा रहे हो

— मनोज “मोजू”

मनोज डागा

निवासी इंदिरापुरम ,गाजियाबाद ,उ प्र, मूल निवासी , बीकानेर, राजस्थान , दिल्ली मे व्यवसाय करता हु ,व संयुक्त परिवार मे रहते हुए , दिल्ली भाजपा के संवाद प्रकोष्ठ ,का सदस्य हूँ। लिखना एक शौक के तौर पर शुरू किया है , व हिन्दुत्व व भारतीयता की अलख जगाने हेतु प्रयासरत हूँ.