कविता

कविता

घने अँधियार में जैसे कोई जुगनू चमकता है,
भरे बाजार में वैसी हमारी एक सलोनी है।
लबों पर सजके बैठे है मोहब्बत के तराने सब,
आज की रात में उससे हमारी बात होनी है।
लगा है खुशियों का मेला मेरे दिल के घराने पर,
जैसे राजा के महलों में कोई बारात होनी है…!

नीरज पाण्डेय

नाम- नीरज पाण्डेय पता- तह. सिहोरा, जिला जबलपुर (म.प्र.) योग्यता- एम. ए. ,PGDCA Mo..09826671334 "ना जमीं में हूँ,ना आशमां में हूँ, तुझे छूकर जो गुजरी,मैं उस हवा में हूँ"