कविता

“कुण्डलिया”

सादर सुप्रभात मित्रों, वर्ष 2015 की शानदार विदाई और नव वर्ष का शुभ स्वागतम का समय है। एक कुण्डलिया आप सभी को सादर प्रस्तुत है, हार्दिक बधाई सह………

“कुण्डलिया”

नए वर्ष की आरती, सजी हुई है थाल

गुजरे हुए महारथी, यादों में गत साल

यादों में गत साल, बढ़ाए अगली पीढ़ी

उद्दमी है खुशहाल, चढ़ें जो सौ सौ सीढ़ी

कह गौतम कविराय, मनाओ झूमकर हर्ष

विदा करों गतवर्ष, शुभ स्वागतम नववर्ष ॥

महातम मिश्र (गौतम)

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ