लघुकथा — कर्तव्य
अपनी इकलौती संतान राजीव और बहु सुधा को हवाई अड्डे छोड़ कर गुप्ता दंपत्ति ने वापस घर में कदम रखा तो सूना घर काट खाने को दौड़ता सा लगा ,मिसेज़ गुप्ता घबराकर लगी तो गुप्ता जी भरे गले से से ढांढ़स देने लगे — ” चुप कर राजू की माँ ,… रो मत राजू के उज्जवल भविष्य ,उच्चतम कॅरियर के लिये हमें अकेलेपन का दंश तो झेलना ही होगा। उसकी क़ाबलियत का सदुपयोग और विकास तथा सही कीमत अमरीका में ही मिल सकेगी , यहाँ तो सामान्य वर्ग का होने के कारण नौकरी के ही लाले हैं , सरकारी नौकरी मिलनी असंभव है और प्राइवेट कम्पनियों में चापलूसी ,चमचागिरी ,भाई-भतीजावाद से पार पाने में ही उसकी समस्त ऊर्जा खप जाती है। ”
” तो हमें संतान के साथ का सुख नहीं मिलेगा क्या ? जिंदगी का महत्वपूर्ण समय युवावस्था और अधेड़ावस्था तो बच्चे की देखभाल और उसका कॅरियर हेतु तन मन धन के अरमान होम करते गुजर गयी ,अब जब इन सब से राहत मिली तो ये बुढ़ापा सामने खड़ा है ,हम तो अब अकेलेपन और अपने बुढ़ापे से जूझते जूझते ही मर खप जायेंगे हमें क्या फायदा मिला संतान पैदा करने का ? क्या बेटे बहु का कर्तव्य नहीं है कि वे बुढ़ापे में माता-पिता की सेवा करते ?” मिसेज़ गुप्ता दुःख से फूट पड़ीं।
” बस कर भागवान हमारा कर्तव्य था जन्म दी संतान को काबिल बनाना ,हमने अपनी समूची क्षमतानुसार निभाया ,रहा बेटे-बहु के कर्तव्य निभाने की वापस आयेंगे तो निभा देंगे , बाकी हम दोनों जब तक हममें है जान, एक दूसरे की सेवा कर गुजार लेंगे जिंदगी, चल अब शांत हो जा चल बढ़िया सी पिक्चर देख कर आते है बीस साल हो गए सिनेमा -घर में पिक्चर देखे ” गुप्ता जी के सुकून और आत्मविश्वाश से भरे बोल सुन कर मिसेज़ गुप्ता के भी चेहरे पर सुकून छा गया।
— मँजु शर्मा
हा हा , हम भी पती पत्नी अपने घर में अकेले रहते हैं और बेटा बेटी अपने घर में . कभी कभी वोह आ जाते हैं , पोते तो आते ही रहते हैं लेकिन हम समझते हैं कि अब समय बदल गिया है और हमें अपने बुढापे का पहले से सोच लेना चाहिए और बच्चों को भी कुछ आजादी देनी चाहिए ताकि वोह भी आज़ाद रह सकें . हम अकेले रहते हैं लेकिन हम अपने आप को अकेले नहीं समझते .हमारी दोनों की अपनी अपनी हैबिज़ हैं और आज़ाद पंछिओं की तरह रहते हैं . अगर हम इकठे रहते तो हो सकता है सास बहु की बन ही ना पाती ,फिर तो ना उधर के ना उधर के . अब समय बहुत तेजी से बदल रहा है और हमें भी अपने एतिचूद को बदल देना चाहिए .