कविता

कविता

उमंग नही है
तरंग नही है
दिन-रात ही अब
सुख-चैन नही है
जी रहे ठंड से
ठिठुर-ठिठुर
नाउम्मीद हुए
कोई आस नही है
सबने है आखें
मूद रखी
उम्मीद की डोरी
टूट रही है
हे प्रभु !!
आप सहाय करो
बस केवल तुमसे
आस लगी है
नव वर्ष उन्हें ही
मुबारक हो
जिनके तन में
कुछ जान बची है

— कवि संयम

कवि संयम

नाम - रवी पांडेय 'संयम' साहित्यिक नाम - कवि संयम पिता - श्री गंणेश शंकर पांडेय माता - श्रीमती सोना पांडेय जन्म तिथि - 5-7-1988 शिक्षा - एमए (राजनीतिशास्त्र ) , बीएड पता - जिला-बस्ती, उत्तरप्रदेश संपर्कसूत्र – 09984035709 उपलब्धि - लेखन क्षेत्र में नवोदित (फेसबुक मंच जैसे - कविता लोक ,युवा उत्कर्ष मंच , अधुरा मुक्तक मंचो से सम्मानित) रूचि - कलम साधना एवं समाज सेवा