गीत : सही समय पर दिल की कहना
सही समय पर दिल की कहना
दिल में रखकर दर्द न सहना***
अपनों से वो सब कह देना
जो उनको अच्छा लगता हो
अपनों से वो सब कह देना
जो तुमको सच्चा लगता हो
समय पड़े तो चुप मत रहना
सही समय पर दिल की कहना***
घुट-घुट कर जीने में क्या है
चुप रहकर क्या मिल पायेगा
लेकिन मन की कह लोगे तो
चैनल-सुकूँ दिल को आयेगा
अन्दर-अन्दर कभी न दहना
सही समय पर दिल की कहना***
जब कोई कुंठा पलती है
दिल में चुभता दंश निरंतर
ऐसे में मन की बगिया से
शब्द-सुमन तुम लाना चुनकर
उन्हें बनाना अपना गहना
सही समय पर दिल की कहना***
सबकी बात सुनें हम लेकिन
इसकी-उसकी कभी न मानें
जो मन बोले वो हम बोलें
शब्दों की ताकत पहचानें
हो कमजोर कभी मत ढहना
सही समय पर दिल की कहना***
…….डॉ शिप्रा शिल्पी (कोलोन ,जर्मनी)