कविता

अरे तू तो बड़ी मतलबी निकली…

अरे ! तु तो बड़ी मतलबी निकली
तुने मुझे चाहा खुद को
खुश रखने के लिये l
तुने मुझसे प्यार किया
अपने प्यार को पाने के लिये l
तुने मुझे रूलाया खुद को
हँसाने के लिये l
तुने मुझे बर्बाद किया
खुद को आबाद करने के लिये l
अरे तु तो बड़ी मतलबी निकली….
तुने मुझे डरपोक बनाया
खुद को निडर बनाने के लिये l
तुने मुझे चैतन्य किया
खुद को नींद में आने के लिये l
तुने मुझे निहंग किया
खुद को सिरताज बनाने के लिये l
तुने मुझे नास्तिक बनाया खुद को
आस्तिक सिद्ध करने के लिये l
— मुकेश नास्तिक

मुकेश नास्तिक

नाम - मुकेश नास्तिक कटिहार जिला सहित्य संमेलन क सदस्य संस्कार भारती द्वारा समानित पता --नया टोला,कटिहार