सादर शुभ दिवस प्रिय मित्रों,
एक कुण्डलिया छंद आप सभी को सादर निवेदित है
इस बार मौनी अमावस्या दिन सोमवार को है जिसका एक अलग ही महात्म्य है अतःइस पावन पर्व को मनन करते हुए यह रचना आप सभी को सादर प्रस्तुत है । प्रयाग संगम में आप भी हमारे साथ माँ गंगा जी में श्रद्धा की डुबकी लगाएं————————
“कुंडलिया”
सोमवती अमावस्या, संगम जह प्रयाग
बहुत दिनों के बाद में, मिला यह सौभाग्य
मिला यह सौभाग्य, डुबकियां मारों भैया
जय बोलो जयशंकर, जय बोलो गंगा मैया
कह गौतम कविराय, सजा लो दिया बत्ती
करो आरती भाय, अमावस्या सोमवती ।।
महातम मिश्र (गौतम)