कविता

स्व-रचित वर्ण-पिरामिड

*जिंदगी*

1.

है
टेढी
पहेली
जिंदगानी
जो सुलझाये
वही बना ज्ञानी
शेष रहे अज्ञानी

 

==========
*मधुर गान*
2.
हे
राम
अमृत
तेरा नाम
मधुर गान
गाँऊ दिन रैन
आये दिल को चैन
===========
*जीव*
3.
जो
जीव
जीवन
जीता जाता
जिंदादिली से
जरावस्था डरे
जवान सदा रहे
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*शीत लहर*
4.
लो
आई
ठण्डक
बेरहम
शीत लहर
ढाती है कहर
जिनके कच्चे घर
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*कम्प्यूटर*
5.
है
यंत्र
अनूठा
कम्प्युटर
पल में हल
कठिन सवाल
गागर में सागर
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@ शशि शर्मा ‘खुशी’

शशि शर्मा 'ख़ुशी'

नाम- शशि शर्मा 'खुशी'...जन्मतारीख - 6/6/1970 .... जन्म स्थान- सिलारपुर (हरियाणा) व्यवसाय - हाऊसवाईफ मूल निवास स्थान हनुमानगढ (राजस्थान) है | पतिदेव श्री अरूण शर्मा, की जॉब ट्रांसफरेबल है सो स्थान बदलता रहता है | पढने का बेहद शौक है,,,, अब लेखन भी शुरू कर दिया है | कुछ विविध पत्र-पत्रिकाओं में मेरी कवितायें प्रकाशित हो चुकी हैं |

3 thoughts on “स्व-रचित वर्ण-पिरामिड

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    यों तो सभी वर्ण पिरामिड एक से एक बढकर हैं लेकिन यह बहुत रौचक लगा ,5.

    है

    यंत्र

    अनूठा

    कम्प्युटर

    पल में हल

    कठिन सवाल

    गागर में सागर

  • राज किशोर मिश्र 'राज'

    वाह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हआदरणीया लाजवाब सृजन

  • लीला तिवानी

    प्रिय सखी शशि जी, गीत पिरामिड या गागर में सागर! बढ़िया.

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