गीत : बहुत हो गयीं अब दिवालों की बातें
बहुत हो गयी अब दिवालों की बाते
कोई तो करो इन सवालो की बाते
लुटी बस्तियाँ भी तो धर्मो पे देखो
और शाशन प्रशाशन के कर्मो को देखो
कोई आ के हिन्दु के मर्मो को देखो
या उन लोगो के जा कुकर्मो को देखो
क्यों भूले है उन सब बवालो की बाते…………. बहुत हो
अब्दुल कभी ना सर टीका लगाता
सभी पहने टोपी मगर वो ये चाहता
जो ना पहनें उसपे बखेड़ा हो जाता
टीके पर सबका मुह क्यूँ बन्द हो जाता
ये सत्ता के लोभी दलालो कि बाते …………. बहुत हो
जिन्हे पाला है अब तक इस भारत माँ ने
उसी माँ को डायन के देते है ताने
जो भारत को अपना वतन ही ना माने
लगे है सब फिर भी क्युँ उनको मनाने
छोडो सियासी इन चालो की बाते…………. बहुत हो
सभी रोने लगते इक दाढ़ी जो कटती
या जाली की टोपी जरा सी भी फटती
अब कानूनी धाराए धर्मो पे बंटती
जो हम पे लगे है पर उनपे से हटती
ना प्रेस भी करती उन सालो की बाते …………. बहुत हो
बगले में रहती रमेशवा की जोरू
और उसको सतावत बहुत मियाँ छोडू
हम जानित है बातन से मानेगे थोडू
अब एके उपाय कि सर जा के फोडू
अब कोई भी कल पर ना टालो इ बाते ………… बहुत हो
भारत की धरती पे दूजो के नारे
लगाने लगे जो पडोसी को प्यारे
अब मुझको बताओ ये मिलके तुम सारे
कि क्यूँ ना उन सब को यहाँ पे हम मारे
ये लगती नहीं माँ के लालो की बाते ………… बहुत हो
वो दुर्दांतों के संग कुछ राते बिताता
कई लोगो की जान ले के इतराता
फिर जैसे ही भारत की धरती पे आता
वो क्यूकर के मासूम युवा कहाता
यु बेकार में न अब टालो ये बाते ……… बहुत हो
कोई राम पर भी है ऊँगली उठाता
कोई मंदिरो से स्पीकर हटाता
मनचाहा कभी भी कोई बोल जाता
कोई तो गजानन को कायर बताता
चलो उनको मिल के धरम हम बताते ……….. बहुत हो
हमी को डराते हमारे ही घर में
हम कायर ही कहलाते सब की नजर में
हम काहे को जीते कहो इतने डर में
अब पहुंचा दो उन सब को उनकी कबर में
करो याद राणा के भालो की बाते ……….. बहुत हो
दुश्मन सा लड़ते यहाँ हम सब भाई
अब कैसे पटेगी ये दूरी ये खाई
बंद करनी ही होगी सभी को लड़ाई
मै मानू किशन को तुम पूजलो साँई
ये अवतारों के है कमालो की बाते………… बहुत हो
हम हिन्दू ही हिन्दू के दुश्मन है यारो
आपस में लड़ कर ही मरते हज़ारो
धर्म ना ये कहता कोई तो विचारो
आपस की सारी ही रारो को मारो
आपस का प्यार बचालो हे माते ………. बहुत हो
— मनोज “मोजू”
बहुत अच्छा गीत ! अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अब तक देशद्रोहियों को बहुत छूट मिल चुकी है। अब उनको कठोर दंड दिया जाना आवश्यक है।