माँ शारदे वरदान दो
मॉ शारदे मुझे ज्ञान दो
अपने भक्तो को वरदान दो
अपने वीणा की तान से
रग -रग में ज्योत जला दो
मैं अज्ञानी अंजानी हूँ
तु ज्ञान की दीप जला दो
नव गीत दो नव लय दो
प्रेम पूँज का प्रकाश फैला दो
तु हँसवाहिनी तु वीणा वादिनी
तु ही श्वेत कमल विराजीनी
अपनी भक्ति का ज्ञान दे दो
मॉ शारदे मुझे ज्ञान दो|
— निवेदिता चतुर्वेदी