ये कैसी देशभक्ति ??
विद्या के मंदिर में देखो, कैसा ये कोहराम हुआ
भारत माँ की अस्मिता का, देखो कत्ले आम हुआ
काश्मीर की आज़ादी के, देखो इनके नारे थे
भारत की अखंड प्रभुसत्ता के, सब के सब हत्यारे थे
किसका साथ मिला है इनको, इतनी हिम्मत आई है
जिस माँ ने इनको पाला है, आज हुई वो पराई है
सँसद के उस गुनहगार को, महिमा मंडित क्यों करते
क्यों न्यायालय के निर्णय को, सरे आम खंडित करते
साठ वर्ष जो राज कर गए , भारत की इस सत्ता पर
उनका खुला समर्थन है, इन असामाजिक तत्वों पर
जिसको भारत की जनता ने, बुरी तरह से नाकारा है
देश में जब भी संकट आता, फिरता मारा मारा है
सत्ता का हो मोह तो पहले, देशभक्ति का काम करो
भारत की जनता ये चाहे, राष्ट्र् को मत बदनाम करो
अभी तो अफजल गया है ऊपर, अब कितनों की बारी है
हाफिज,दाऊद और लखवी पर भी, होनी अब बमबारी है
राजनीति का धर्म यही है, देश का हित सबसे पहले
मरेंगे यूँ ही कितने अफज़ल, जो देश की इज़्ज़त से खेले
शिक्षा के मंदिर में जाकर, नहीं वैमनस्य फैलाओ
नफरत की इस राजनीति की, ना शाखाएँ फैलाओ!
$पुरुषोत्तम जाजु$
बहुत अच्छा गीत !
शुक्रिया