ये जो विदाई ले रहे होनहार है, ………………………………..
ये जो विदाई ले रहे होनहार है,
भोले से चेहरे है इनके है ये बहुत गुस्सेदार है,
खाने में भी नखरे और करते हम हरदम इनकी मनुहार है,
आज विदाई की वेला में इनका भी सत्कार है,
कई वर्षो से अध्ययनरत इनके अब ये परिणाम है,
कोई तुफान तो कोई शैतान है सबके अलग से नाम है,
विद्यालयी शिक्षा पुरी हुई अब इन्हे समर में जाना है,
देश और दुनिया में अव्वल आना है,
व्यवसायिक शिक्षा पाकर जीवन के पथ को आगे बढ़ाना है,
घर-परिवार, विद्यालय और देश का नाम बढ़ाना है,
शब्द ज्ञान से शुरू हुई विद्या, अब हर विधा का ज्ञान है,
हर तत्व को पहचाना विषय वर्ग इनका विज्ञान है,
हमे उम्मीदें है अच्छा रहे इनका परिणाम,
ये जीवन में अमुल्य रहे ना हो इनके कोई दाम,
विद्या हेतु विद्यालय आगमन हुआ,
गुरूकुल की प्रथा निभाई इनका निवास भी यही हुआ,
हर विद्यार्थी को रग-रग से पहचाना कोइ जीता कोई हारा,
इनके हर रंग को समझ कर इनके रंग को सुधारा ,
संस्कार में ढाला बच्चों को और अब इनकी विदाई है,
हमने अपनी सारी रित निभाई है,
आगे बढ़ने की अब बारी इनकी आई है,
कुछ करके दिखाने की हिम्मत इन्होन जुटाई है,
32 वर्षो से संचालित संस्था में कोई डाॅक्टर तो कोई इन्जीनियर बना,
कोई देश का सिपाही तो कोई सिविल सर्विस का हिस्सा बना,
हमारे परिवार की शुभकामनाऐं सदा है साथ तुम्हारे,
तुम विजय हो हर पथ पर ना कभी तु हारे,
ये जो विदाई ले रहे होनहार है,
भोले से चेहरे है इनके है ये बहुत गुस्सेदार है,