कविता

फिर आई है हिचकी

स्त्री हिचकियाँ की सखी
साथ फेरो का सकल्प
दुःख सुख की साथी
एकाकीपन खटकता
परछाई नापता सूरज
पहचान वाली आवाजों में
खोजता मुझे दी जाने वाली
तुम्हारी जानी पहचानी पुकार
आँगन -मोहल्ले में सुनापन
विलाप के स्वर
तस्वीरों में कैद छवि
सदा बहते अश्रु
तेज हो जाते
तुम्हारी पुण्य तिथियों पर
दरवाजा बंद करता
खालीपन महसूस
अकेलापन कचोटता मन
बिन तुम्हारे
हवाओ से उत्पन्न आहटे
देती संदेशा
मै हूँ ना
मृत्यु नाप चुकी रास्ता
अटल सत्य का
किन्तु सात फेरों का संकल्प
सात जन्मों का छोड़ साथ
कर जाता मुझे अकेला
फिर आई है हिचकी
क्या तुम मुझे याद कर रही हो ?

— संजय वर्मा “दृष्टि”

*संजय वर्मा 'दृष्टि'

पूरा नाम:- संजय वर्मा "दॄष्टि " 2-पिता का नाम:- श्री शांतीलालजी वर्मा 3-वर्तमान/स्थायी पता "-125 शहीद भगत सिंग मार्ग मनावर जिला -धार ( म प्र ) 454446 4-फोन नं/वाटस एप नं/ई मेल:- 07294 233656 /9893070756 /[email protected] 5-शिक्षा/जन्म तिथि- आय टी आय / 2-5-1962 (उज्जैन ) 6-व्यवसाय:- ड़ी एम (जल संसाधन विभाग ) 7-प्रकाशन विवरण .प्रकाशन - देश -विदेश की विभिन्न पत्र -पत्रिकाओं में रचनाएँ व् समाचार पत्रों में निरंतर रचनाओं और पत्र का प्रकाशन ,प्रकाशित काव्य कृति "दरवाजे पर दस्तक " खट्टे मीठे रिश्ते उपन्यास कनाडा -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के 65 रचनाकारों में लेखनीयता में सहभागिता भारत की और से सम्मान-2015 /अनेक साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित -संस्थाओं से सम्बद्धता ):-शब्दप्रवाह उज्जैन ,यशधारा - धार, लघूकथा संस्था जबलपुर में उप संपादक -काव्य मंच/आकाशवाणी/ पर काव्य पाठ :-शगुन काव्य मंच