तुलसी आँगन में रहें, सदा करे कल्याण
दूध पूत स्वस्थ रहें , रोग करे प्रयाण
रोग करे प्रयाण, सुन्दर चेहरा दमके
रख विवाह की साध, महीना कातिक चमके
कह गौतम कविराय, अलौकिक महिमा तुलसी
विष्णु प्रिया सुहाय, प्रभु संग पूजित तुलसी।।
शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज
जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन
जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र.
हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ
6 thoughts on “कुंडलिया छंद : तुलसी”
बहुत अच्छा छंद !
सादर धन्यवाद आदरणीय विजय सर जी
बेहतरीन तुलसी महिमा.
सादर धन्यवाद आदरणीया लीला तिवानी जी
लौकिक महिमा तुलसी — यहाँ हुलसी हो सकता है क्या ?
संग पूजित तुलसी।
सादर धन्यवाद आदरणीया विभा रानी श्रीवास्तव जी, शायद नहीं हो सकता आदरणीया जी
बहुत अच्छा छंद !
सादर धन्यवाद आदरणीय विजय सर जी
बेहतरीन तुलसी महिमा.
सादर धन्यवाद आदरणीया लीला तिवानी जी
लौकिक महिमा तुलसी — यहाँ हुलसी हो सकता है क्या ?
संग पूजित तुलसी।
सादर धन्यवाद आदरणीया विभा रानी श्रीवास्तव जी, शायद नहीं हो सकता आदरणीया जी