गीत : भारत माता के जयकारे…
कौन कहेगा इन्हें भारतीय अकड़ जो अपनी दिखाते है
भारत माता के जयकारे जिनको नहीं सुहाते है
वंदे मातरम्,जण गण मन से भी जब इनको परहेज है
साफ नजर आता है चेहरा इनके मन में भारी द्वेष है
दोनों भाई जब जब देखो जहर उगलते रहते है
अपने आपको अपनी कौम का रहनुमा वो कहते है
अपनी कौम की बात करो तुम हमें कोई एतराज नहीं
पर उसकी आड़ में देश द्रोह कदपि हमें स्वीकार नहीं
सहनशीलता है हम में ये नहीं हमारी कमजोरी
हमको आँख दिखा कर अब बंद करो सीनाजोरी
भारत माता की जय का नारा जब हम सब गुर्राते है
अच्छे अच्छे बब्बर शेर भी गीदड़ से घबराते हैं
भारत माता की जय तो जनम से अपनी आन है
यही सभ्यता यही संस्कृति यह सबकी पहचान है
इसी एक नारे से सोया देश एक हो जाता है
यही एक नारा तो अपनी सोयी अलख जगाता है
“भारत माता जी जय”
$पुरुषोत्तम जाजु$