राजनीति

एक पाती शत्रुघ्न सिन्हा के नाम

प्रिय शत्रु बचवा तक चच्चा के प्यार-दुलार पहुंचे।

आगे यह बताना है कि भगवान के किरिपा से हम इहां राजी-खुशी हैं, और तोहरी राजी खुशी के वास्ते भगवान से आरजू-मिन्नत करते रहते हैं। बचवा, कई बार हम तोसे भेंट करे वास्ते पटना गए, तो मालूम भया कि तुम दिल्ली गए हो – संसद के काम-काज में भाग लेने वास्ते। काम जरुरी था, इसलिए हम दिलियो गए। उहां भी तोसे मुलाकात नहीं हो पाई। मालूम हुआ कि संसद की कार्यवाही छोड़कर बिटिया की फिलम की शूटिंग के लिए तुम बंबई गए हो। ठीके किए। आजकल दिन-जमाना खराब है। जवान बेटी को रात-बिरात अकेले नहीं छोड़ना चाहिए और उहो बंबई में। खैर, हम दिल कड़ा करके एटीएम से पैसा निकाले और राजधानी पकड़के पहुंचिए गए बंबई। उहां तोहर दरवान बताया कि साहब तो बिटिया के साथ शूटिंग बदे स्विट्ज़रलैंड गए हैं। ससुरा एक गिलास पनियो नहीं पिलाया। एगो गैस कनेक्शन लेना था; एही वास्ते एतना चक्कर काटे। टेंट से पइसवो खरच हुआ और सरवा कमवो नहीं हुआ। चलो, हमको जो दिक्कत-तकलीफ़ हुई सो हुई। तुम अपना पोरोगराम टीवी चैनल और अखबार में काहे नहीं दे देते हो। आजकल तो तुम छींकते हो, वह भी समाचार बन जाता है। कम से कम दूसरे मनई को हमरी तरह परेशानी न हो।

बचवा, आज अखबार में तोहरी बाबत एक ठो खबर छपी थी, एकदम पहिलका पेजवा पर। तुम अमिताभ बच्चन को राष्ट्रपति बनाना चाहते हो। तोहार ई पैंतरा एकदम सटीक है। मोदी ने उनको गुजरात का ब्रांड एंबैसेडर बनाया था। रह-रह कर सीधे या तिरछे, बच्चू मोदी का समर्थन करते रहते हैं। अब आयेगा ऊंट पहाड़ के नीचे। अमिताभो बच्चन बहुत दही-दही कर रहे थे। अब समझ में आयेगा। अपने बेटवा की शादी में तुमको नेवता तक नहीं भेजा था। शादी के बाद तुम्हरे घर मिठाई का डब्बा भेजा था। अच्छा किया तुमने लौटा दिया। पहले बेइज्जत करो और बाद में मुंह मीठा कराओ, इ कवनो बात है? मोदी तो बच्चन बबुआ को राष्ट्रपति का टिकट देंगे नहीं, मेहरारू पहिलहीं से समाजवादी पार्टी में है, अब उनके पास भी मुलायम की चेलवाही मंजूर करने के अलावा कौनो चारा नहीं बचेगा। बिहार की तरह यूपी में भी भाजपा धड़ाम ! वाह बचवा वाह! जियत रह!

एक बात का दुख हमको हमेशा रहता है। तुम्हारे जैसे काबिल आदमी को मोदी ने मन्त्री नहीं बनाया। तुम्हारा लोहा तो अटल बिहारी वाजपेइयो मानते थे। भले ही तुम स्वास्थ्य मन्त्रालय में कभी बैठते नहीं थे, लेकिन बुढ़वा तुमको ढोते रहा। तुम लालू, राहुल, केजरीवाल और दिग्विजय से कवना माने में कम हो। अभी भी तुम्हारा डायलग सुनने के लिए खूबे पब्लिक आती है। जे.एन.यू के कन्हईवा को सपोर्ट करके भी तुमने बड़ा नींक काम किया। सारी दुनिया अपना बुरा-भला पहले देखती है। फिलिम में तो अब इस बुढ़ापे में कवनो स्कोप नहिए है। अब राजनीतिए न बची है। बिहार के चुनाव के पहिले और बाद के तुम्हरे बयान, नीतिश से गलबहियां और लालू से दांत काटी रोटी के कारण तुम पहिलहीं अमित शहवा के आंख के किरकिरी बन गए हो। अगले चुनाव में वह पट्ठा तोके टिकट तो देगा नहीं। लालू तो अपने बेटा-बेटी में ही अझुराए हैं, नीतिश तोहरे वास्ते गद्दी छोड़ेंगे नहीं। उ तो कुर्सी खातिर गदहवो को बाप बना सकता है। ऐसी संकट की घड़ी में कन्हइवा काम आ सकता है। सीताराम येचुरी से कहकर तुमको राज्य सभा में तो भिजवा ही सकता है। अगला छ: साल भी सुरक्षित। राष्ट्रभक्ति जब कैबिनेट में एक बर्थ पक्का नहीं कर सकती, तो पाकिस्तान ज़िन्दाबाद ही सही। अपने हाथ का दो पैसा हमेशा अच्छा होता है। बेटी की कमाई पर कोई कबतक ऐश करेगा। बेटे तो किसी काम के निकले नहीं।

बचवा, थोड़ा लिखना, ज्यादा समझना। बहुरिया और बाल-बच्चों को हमार चुम्मा-आशीर्वाद कहना।

तोहार

चच्चा बनारसी

बिपिन किशोर सिन्हा

B. Tech. in Mechanical Engg. from IIT, B.H.U., Varanasi. Presently Chief Engineer (Admn) in Purvanchal Vidyut Vitaran Nigam Ltd, Varanasi under U.P. Power Corpn Ltd, Lucknow, a UP Govt Undertaking and author of following books : 1. Kaho Kauntey (A novel based on Mahabharat) 2. Shesh Kathit Ramkatha (A novel based on Ramayana) 3. Smriti (Social novel) 4. Kya khoya kya paya (social novel) 5. Faisala ( collection of stories) 6. Abhivyakti (collection of poems) 7. Amarai (collection of poems) 8. Sandarbh ( collection of poems), Write articles on current affairs in Nav Bharat Times, Pravakta, Inside story, Shashi Features, Panchajany and several Hindi Portals.

One thought on “एक पाती शत्रुघ्न सिन्हा के नाम

  • विजय कुमार सिंघल

    इसको कुछ भी कहना बेकार है. केवल एक शब्द कहना चाहिए- ‘खामोश…’ और अगर न माने तो पिछवाड़े लात मारकर निकाल देना चाहिए.

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