दो मुक्तक
सबसे पावन है यहाँ, जगदम्बे का नाम
नाम जपन जो भी करे, बनते उसके काम
काम धाम चलते रहें, चंद दिवस का खेल
खेल जगत का हो खत्म, जाना माँ के धाम!!!
देखो कैसे सज रहे, मैया तेरे द्वार
द्वारे तेरे हो रही, तेरी जय जयकार
जय जय तेरी कर रहा, झूम रहा संसार
संसार ये मना रहा, नवरात्रे त्यौहार !!!
— डॉ सोनिया गुप्ता
अच्छे धार्मिक मुक्तक !