आज भी मै नही भूलती
आज भी मै नही भूलती
मॉ के हाथो की चूडियॉ
जब जब भी खनकती
मन को भा जाती
सुबह मेरे कमरे में उठाने
जैसे ही आती
चूडी की खनक से
मै पहले ही उठ जाती
रसोई मे जब नास्ता बनाती
चूडी के खनक के साथ
नास्ता का स्वाद भी बढ जाती
स्कूल जाते समय मै जैसे ही
मॉ के चरणो को स्पर्श करती
आशिर्वाद के लिये हाथ
उठाते समय भी चूडियॉ खनक जाती
ऐसा लगता मुझे जैसे
आशिर्वाद दोगुना मिल गया
जब मॉ शाम को खाना खिलाती
खनकती हुई चूडियॉ बहुत
ही मनभावन लगती
रात को सुलाते समय
मॉ जब थपकीयॉ देती
तो लोरी गाने की जरूरत ही नही
चूडि की खनक मे ही
मै लोरीयॉ सुन लेती
सदा ऐसे ही खनकती रहे
मॉ तेरे हाथो की चूडियॉ
क्योकि इसी चूडीयों के साथ
छिपा है पापा का स्नेह और प्यार
आज भी मै नही भूलती
मॉ के हाथो की चूडियॉ|
निवेदिता चतुर्वेदी