कविता

आदत….

सांस लेना भी
एक कैसी आदत है…
अजीब है रवायतें
ज़िंदगी की…
ना कोई आहट
ना हलचल है बदन में
कोई अक्स भी नहीं
निगाहों में…
पाओं है कि बेमकसद
चलते जाते हैं…
एक सफ़र है जो कहीं
खत्म नहीं होता…
बस बहते रहता है…
ना जाने कब से…
बरसों से….सदियों से….
बस जिये जाते हैं…
क्यूंकि जीना है…
उफ़्फ़…ये आदतें भी
अजीब होती हैं…!!!

रश्मि अभय

नाम-रश्मि अभय पिता-श्री देवेंद्र कुमार अभय माता-स्वर्गीय सुशीला अभय पति-श्री प्रमोद कुमार पुत्र-आकर्ष दिवयम शिक्षा-स्नातक, एलएलबी, Bachelor of Mass Communication & Journalism पेशा-पत्रकार ब्यूरो चीफ़ 'शार्प रिपोर्टर' (बिहार) पुस्तकें- सूरज के छिपने तक (प्रकाशित) मेरी अनुभूति (प्रकाशित) महाराजगंज के मालवीय उमाशंकर प्रसाद,स्मृति ग्रंथ (प्रकाशित) कुछ एहसास...तेरे मेरे दरम्यान (शीघ्र प्रकाशित) निवास-पटना मोबाइल-09471026423 मेल [email protected]