दोहे
आज के दोहे / शिव चाहर मयंक
नीयत जिसकी नेक है, जिसके नेक विचार।
खुशियों से दामन भरे, जीवन हो साकार।-1
स्वर्ग नर्क सब है यहाँ, पाप पुण्य का राज।
सबको बस मिलता वही जैसा जिसका काज।-2
कर्महीन को सुख कहाँ, रहे सफलता दूर।
मंजिल उसके साथ है, जो थक कर हो चूर।-3
चंचल मन को रोकना, है कितना आसान।
दान, दया दिल में बसा,सुमिरो नित भगवान।-4
दुआ दवा से है बडी, इसके रूप अनेक।
हर मुश्किल आसान हो, राह चुनो तुम नेक।-5
संगत से आदत बने, आदत से ब्यवहार।
ये तीनो निश्चित करें, जीत मिले या हार।-6
अपने मन की पीर का, करो न रोज बखान।
नमक लिये अब घूमते, इस जग मे इंसान-7
देश प्रेम का जोश ही, दे पावन परिणाम।
जननी से ऊपर सँदा, रहे धरा का धाम।-8
सच हो गर स्वींकार तो, पलट देख इतिहास।
भारत का ही सौर्य है, जग में सबसे खास।-9
शिव चाहर मयंक