कोयल कूहूँके…
कूँहू कूँहू कर कोयल कूँहूके
आम के डाल पर बैठे रहती
कितनी प्यारी बोली इसकी
सभी को मंत्रमुग्ध कर देती
बागो को गुलजार बनाती
दादी मुन्नी को बताती
काली है कौआ जैसा
लेकिन बोली है निराली
अब से तुम समझो गुडियॉ
रूप से कुछ नही होने वाला
यदि गुण तेरे पास हैं तो
तु सबसे महान हैं
सभी तुमको सम्मान देंगे
यदि मिठी बोली तेरे पास है
आज से ही तुम ठान लो
अपनी दादी की बात मान लो
अपने बोली मे मधुर रस घोल कर
सबको तुम लुभा लो|
निवेदिता चतुर्वेदी