कविता

“मुक्तक”

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13-12 पर यति……..

 

कलियों को देख भौंरा, फूला समा रहा है

फूलों के संग माली, मनमन अघा रहा है

कुदरत का ये करिश्मा, पराग पूष्प पल्लव

नैना भिरामा दृश्यम, हेला जगा रहा है॥

 

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ