कविता

झनकार पायल की

तेरी पायल की वो आवाज आज भी आती है मुझे
जो उस वक़्त दड़कन में झनकार सी लगी थी मुझे

वही आवाज़ इस दिल में प्यार की आहट दी कभी
धड़कन तो है दिल में पर कानो में गूँजती नही अभी

बस महसूस ही करता हु हमेशा उस झनकार को
वो आवाज आज भी है पर पायल कही खोगाई

बस हमें ना कोई गिला है ना है कोई शिकवा
आवाज़ को सुनकर तुम्हारी और खींचे चले आए थे

वो आवाज आज भी है कल भी रहेगी मेरे कानो में

राज मालपाणी ’राज’

नाम : राज मालपाणी जन्म : २५ / ०५ / १९७३ वृत्ति : व्यवसाय (टेक्स्टायल) मूल निवास : जोधपुर (राजस्थान) वर्तमान निवास : मालपाणी हाउस जैलाल स्ट्रीट,५-१-७३,शोरापुर-५८५२२४ यादगिरी ज़िल्हा ( कर्नाटक ) रूचि : पढ़ना, लिखना, गाने सुनना ईमेल : [email protected] मोबाइल : 8792 143 143

2 thoughts on “झनकार पायल की

  • बस हमें ना कोई गिला है ना है कोई शिकवा

    आवाज़ को सुनकर तुम्हारी और खींचे चले आए थे

    वो आवाज आज भी है कल भी रहेगी मेरे कानो में बहुत बढिया .

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