झनकार पायल की
तेरी पायल की वो आवाज आज भी आती है मुझे
जो उस वक़्त दड़कन में झनकार सी लगी थी मुझे
वही आवाज़ इस दिल में प्यार की आहट दी कभी
धड़कन तो है दिल में पर कानो में गूँजती नही अभी
बस महसूस ही करता हु हमेशा उस झनकार को
वो आवाज आज भी है पर पायल कही खोगाई
बस हमें ना कोई गिला है ना है कोई शिकवा
आवाज़ को सुनकर तुम्हारी और खींचे चले आए थे
वो आवाज आज भी है कल भी रहेगी मेरे कानो में
बस हमें ना कोई गिला है ना है कोई शिकवा
आवाज़ को सुनकर तुम्हारी और खींचे चले आए थे
वो आवाज आज भी है कल भी रहेगी मेरे कानो में बहुत बढिया .
सुन्दर मालपानी!!