कविता

कविता : गोदना

प्यार था
अब छल है
अविश्वाश है
रिश्तों की मौत है
मौत की चीख है
चीख में छुपा दर्द है
दर्द की चुभन है
क्योंकि काली रात
की स्याही से
मैंने गोद दिया था
तेरा नाम
अपनी कलाई पर
अपनी रूह पर

रीना मौर्य "मुस्कान"

शिक्षिका मुंबई महाराष्ट्र ईमेल - [email protected] ब्लॉग - mauryareena.blogspot.com